Alone पल दो पल का साथ ही तो था तेरा मेरा ए मुसीबत. फिर क्यों गुरूर है तुझे इतना क्यों सोचती है तू ,तोड़ देगी मेरे इरादों को, मेरी उड़ान को, मेरी मुस्कान को ,मेरे सपनों को ,मेरी सफलताओं को, बना देगी मुझे फिर से बेबस, लाचार, असहाय कमजोर तुझे याद नहीं तुझे हराने का हौसला मैंने तुझी से सीखा है जब जब तूने अपनी ताकत दिखलाएं मुझे तोड़ने की तब तब मुझे भी उम्मीद की किरण दिखलाइए और मैं डाटा रहा तेरे सामने डटकर तुम कल फिर आना , मैं फिर उठ खड़ा हो जाऊंगा तुझ से लड़ने के लिए तुम नहीं तो मैं नहीं मेरा वजूद नहीं मेरी पहचान नहीं तुम आती रहना मेरे हौसलों की परीक्षा लेने मुझे आजमाने क्योंकि तुम हो तो मैं हूं मेरा वजूद है. #musibatein