अब घुटन सी हो रही है ऐ जिंदगी, क्यूँ ये बेबसी? ये मजबूरी है? खुशियों से क्यु इतनी दूरी है? जिसने जीना सिखाया जमाने से नज़र मिलाकर, अपनी बाते कहना सिखाया। आज वो इतना मायुश् क्यु है? बता ऐ जिंदगी ये उसके इतने इंतिहां क्यूँ हैं? जिन हाथों ने उंगली पकड़ चलना सिखाया, आज वो हाथ इतना लाचार क्यूँ है? जो साथ मेरे, मेरा जीत बनकर रहता था खड़ा, आज वो इतना हारा सा क्यूँ है? सुना है की हर मर्ज़ की दवा तेरे पास है, तो उसके दर्द से तु अंजान क्यूँ है? बात ए जिंदगी।। ©unmukt sanjana #why #imwithyou #kyu #unmuktsanjana #WalkingInWoods