कभी आना मेरे गाँव तुम्हे मंज़र दिखाएंगे। जहाँ होती थी हरियाली बहाँ बंजर दिखाएंगे। जिनपर भरोसा किया उन्ही ने कत्लेआम कर दिया। वफादारों के हाँथ में खंजर दिखाएंगे। kavi Munendra