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उसको नफरतों के सिवाय कुछ हासिल न हुआ, जिसने छोड़ दी

उसको नफरतों के सिवाय कुछ हासिल न हुआ,
जिसने छोड़ दी खुशी अपनी अपनों की खातिर। 

आलोक कैसे करूँ मैं उस बदनसीब पिता की तारीफ़,
बुढ़ापे में ठोकरें मिलती रही जिसको अपने खून से।।

©आलोक अग्रहरि #परिणाम_त्याग_का
उसको नफरतों के सिवाय कुछ हासिल न हुआ,
जिसने छोड़ दी खुशी अपनी अपनों की खातिर। 

आलोक कैसे करूँ मैं उस बदनसीब पिता की तारीफ़,
बुढ़ापे में ठोकरें मिलती रही जिसको अपने खून से।।

©आलोक अग्रहरि #परिणाम_त्याग_का