रिश्तें की बागडौर कहो या सिर्फ डोर कहो, पर ,इसकी समझ तो, बिल्कुल ही हर किसी में होनी चाहिए, कि, इस सांसों जैसी डोर को , कब तोङ दिया जाए ,छोङ दिया जाए ,मजबूत कर दिया जाए और तो और, कभी मजबूर करना,, किसी को ,ये तो हरगिज ही नहीं, तथा, इस रिश्ते को कब ,संभाल लिया जाए या संबंध अच्छे कर लिया जाए। दोस्तों,.......................... संबंध, रिश्ते-नाते ,व बेहतर परिवार हो ,तो , ये जीवन जीवन भी लगता है,और दौलत पुण्य। 🙏 ©Captain Priyanshu #Relationship 🌼🌝🙃 Tanya Sharma (लम्हा)