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Maa माँ के बारे में जितना कहूँ, उतना कम है माँ के

Maa  माँ के बारे में जितना कहूँ, उतना कम है माँ के संग होने से, ना किसी बात का गम है
माँ के बारे में क्या कहूँ, लड़ती वो कितनी जंग है कभी कभी तो बहन भी है। वो हर जंग जीतने वाली है।
माँ वो रक्षा कवच है, जो आने ना देती बच्चे तक आंच है।
माँ को किस नाम से परिचित कराऊँ, उनके अनेक रूप है कभी वो दोस्त, कभी वो शिक्षक
माँ पिलाती है बच्चे को दूध, जिसका चुका ना सकते
हम कभी दाम है ।।
माँ कितने सहती है कष्ट, क्यों हमे ना उन दुखो का अनुमान है।
 माँ तो माँ है, माँ के बारे में क्या कहूँ
कभी लक्ष्मी, कभी सरस्वती
कभी कभी महाकाली है, माँ ने बच्चो पे लगी
हर बुरी नज़र उतारी है।
माँ तो माँ है, माँ के बारे में क्या कहूँ
वो हर जंग जीतने वाली है ।।
मुस्कान उपाध्याय

©Muskan Upadhyay #Maa❤ #momlove #MOTHERSLOVE #Poetry #nojotohits #Trending
Maa  माँ के बारे में जितना कहूँ, उतना कम है माँ के संग होने से, ना किसी बात का गम है
माँ के बारे में क्या कहूँ, लड़ती वो कितनी जंग है कभी कभी तो बहन भी है। वो हर जंग जीतने वाली है।
माँ वो रक्षा कवच है, जो आने ना देती बच्चे तक आंच है।
माँ को किस नाम से परिचित कराऊँ, उनके अनेक रूप है कभी वो दोस्त, कभी वो शिक्षक
माँ पिलाती है बच्चे को दूध, जिसका चुका ना सकते
हम कभी दाम है ।।
माँ कितने सहती है कष्ट, क्यों हमे ना उन दुखो का अनुमान है।
 माँ तो माँ है, माँ के बारे में क्या कहूँ
कभी लक्ष्मी, कभी सरस्वती
कभी कभी महाकाली है, माँ ने बच्चो पे लगी
हर बुरी नज़र उतारी है।
माँ तो माँ है, माँ के बारे में क्या कहूँ
वो हर जंग जीतने वाली है ।।
मुस्कान उपाध्याय

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