जिनके प्यार में गहराई तक डूब चुके थे हम हम थे उनके साजन.. वो मेरे सनम दिन रात प्यार में जिनके ..आहें भरते थे हम रब से जिनको दिन-रात ..मांगा करते थे हम धोखा किया है उसने ..वो निकली बड़ी बेरहम रोग इश्क का लगा है मुझको... अब कहां मिले मरहम भूख प्यास और नींद है रूठी... अब कब निकलेगा ये दम| -love season #International_Ask_ ..Shikha..