White कहीं गुल, कहीं खार, खिलते हैं, बगीचा -ए- बहार खिलते हैं। बराबर हक है बहार पे सबका, ऐसे ही गुलजार खिलते हैं। दिल बाग बाग हो जाए,सुना है, दुश्मन या दिलदार खिलते हैं। सब्जबाग भी हकीकत का शीशा, सपने पा दीदार खिलते हैं। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #दिल बाग बाग हो। शायरी लव रोमांटिक लव शायरी शायरी लव रोमांटिक लव कोट्स 'लव स्टोरीज'