सितारा उफनती नदी का किनारा हूं मैं पागल हूं , मगर तुम्हरा हूं मैं। खुद को तुम शहजदी समझती हो तो किसी के दामन का सितरा हूं मैं। ©MOHD SHAHID KHAN #किनरा हूंँ मैं #WForWriters