फाड़ दिया हूं हर उस पन्ने को, जहां इश्क़ को इबादत लिखा था कभी। वो मौत, जिसमे मौत नही आती, अधूरी इश्क़ की दास्तां, फुरसत में सुनाऊ कभी। जन्नत था ये अपना जहां भी, इस विरानीयत की झलक फिर दिखाऊ कभी। फिलहाल तो नसीहत है दूर ही रहना इश्क से, गर समेट लू खुद को, तो सारी बाते बताऊ कभी। #Dev ©Devchandra Thakur beawar of ishq #worldpostday