इससे पहले हैरानी नहीं है कि ईवीएम को लेकर फिर से सवाल उठाए जा रहे हैं हालांकि से देखते हैं निर्वाचन आयोग ने चुनाव वाले राज्यों को सतर्क रहने और निर्वाचन अधिकारियों को मतगणना के मामले में तय प्रोटोकाल का पालन करने का निर्देश दिया है लेकिन लगता नहीं है कि ईवीएम को निशाना बनाने की आदत हमें भी इसकी पूरी असंगत से वंचित न तीरे हासिल करने वाले दल चुनाव परिषद बाद भी सारे से ईवीएम को कोसने के साथ ही निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाएंगे ध्यान रहे कि कभी-कभी तो चुनाव की घोषणा होते ही मत पत्रों के जरिए चुनाव करने की मांग होने लगती है और यह कुछ नहीं देश को बैलगाड़ी युग में ले जाने वाली मानसिकता है ऐसे मांग करने वालों को दल भी शामिल रहते हैं जो चुनाव में जीते हासिल कर लेते ईवीएम के विरोध में कैसे-कैसे कुर्ते के दिए जाते हैं इसका उदाहरण यह है कि जब झारखंड भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा तो कहा गया कि ईवीएम का कथित दुरुपयोग इसलिए किया गया ताकि लोगों को उस पर भरोसा कायम रहे जब बंगाल में जीत हासिल कर लिया गया ऐसे दिल्ली पंजाब के चुनाव के बाद भी किया गया था और कुछ इसके बारे में निर्वाचन आयोग को साबित करने के लिए खुली चुनौती दे सकें लेकिन उसके प्रतिनिधि वह साबित नहीं रह सकते ईवीएम में छेड़छाड़ की जा सकती है या फिर उसे है किया जा सकता ©Ek villain #ईवीएम विरोध की आदत #Moon