Nojoto: Largest Storytelling Platform

ढकती हो जब अपने ऑचल से, मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए.

ढकती हो जब अपने ऑचल से,
मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए...
तब लगता है मेरे उर को अक्सर ,
तुम्हारी दृष्टि का ग्रहण प्रिए...
मुस्काने पर लगती हो ऐसे ,
हो जैसे कोई कहर प्रिए....
ढकती हो जब अपने ऑचल से,
मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए....

©jagat Raghuvanshi #Dildar #dilbechara #Dilchaspi #Dil__ki__Aawaz #Dil  Ak  vishal Chauhan Vishal Khwahish dil ki  Sujata jha Anand Pandey
ढकती हो जब अपने ऑचल से,
मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए...
तब लगता है मेरे उर को अक्सर ,
तुम्हारी दृष्टि का ग्रहण प्रिए...
मुस्काने पर लगती हो ऐसे ,
हो जैसे कोई कहर प्रिए....
ढकती हो जब अपने ऑचल से,
मेरे चक्षुपट का शहर प्रिए....

©jagat Raghuvanshi #Dildar #dilbechara #Dilchaspi #Dil__ki__Aawaz #Dil  Ak  vishal Chauhan Vishal Khwahish dil ki  Sujata jha Anand Pandey