राहों मे चाहे कांटे हों बेशुमार उनकी चुभन को गले लगा आगे बढ़ती जाती हूँ #हैदर बरेलवी के साथ participate करें जिसकी शाइरी हमारी टीम को अच्छी लगेगी उसको हमारी तरफ़ से testimonial दिया दिया, और शाइरी सीखने का मौका भी मिलेगा, जो शेर हम लिखते हैं वो बहर में होता है,आपको अपने ज़हन में रखते हुए आगे से उसी वज़न पे लिखने की कोशिश करना । शुक्रिया हमारे साथ जुड़ने के लिए🙏 हमारी टीम मेंबर हैं👇 हैदर अब्बास नीलम यादव सुचिता