आजकल प्यार नहीं व्यापार होता है!! इक़रार नहीं सरोकार रहता है!! न रुलाओ दिल को इतना कि खुद में ही डूब जाए!! ऐसा धोखा कलयुग में बार बार होता है!! मानो मेरी फिर से मुस्कुरा दो!! पूनम! की तरह है जिंदगी इक अजनबी कहता है!! आजकल प्यार नहीं व्यापार होता है!! इक़रार नहीं सरोकार रहता है!! ©Deepak Bisht #पूनम-ए-मुस्कान-ए-जिंदगी