#चंदशेर #महिलादिवस महिला दिवस का शोर तो मचता है हर बरस, बदतर हुये हैं और भी हालात पर यहां। शोषण कहीं तो रेप की ख़बरें हैं सुर्खियां, अब भी दहेज के लिए जलती हैं लड़कियां। दोनों हैं भागीदार बराबर ही सृजन के, छोटे बड़े का भेद तो होना फज़ूल है। खेती या नौकरी हो के बच्चों की परवरिश, कमतर न आंक इनको निभाती हैं औरतें। ©Shailesh Maurya #शैलशायरी #standAlone #womensday TAMANNA NAIN(taani)