a-person-standing-on-a-beach-at-sunset क्षणिक पल के हर पल में साथ रहीं हूं मैं खुद के ही तिनका तिनका सहेजकर शिला सा कोमल हृदय बनाया है मैंने इसलिए जो कुछ है मेरा, मुझे खुद से ज्यादा प्यारा है ये गर्वित गरीबी, ये गंभीर अनुभव, यह दृढ़ता और मेरे भीतर की सरिता,सब जाग्रत है, सब मौलिक है इन सब में भी अपलक राह देख रहीं हूँ तुम्हारी क्यूँकी सब में तुम्हारा ही सम्वेदन है, भीतर मैं और ऊपर तुम, ज्यों मुस्काता चांद धरती पर रातभर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा मुझ पर मैं दक्षिणी ध्रुव की अन्धकारमयी अमावस्या, तुम मुझसे परिवेष्टित आच्छादित उजियारा इसलिए जो कुछ भी मेरा है वह तुम्हें प्यारा है ..... अक्षम, कमजोर होती आत्मा मेरी, भवितव्यता से छटपटाती है उस बीच तुम्हारा बहलाना, सहलाना और तुम्हारी आत्मीयता तुम्हारा हर प्रयास मुझे बर्दाश्त होता है मैं विद्यमान धुएँ के बदलो में, अंधेरी पाताली गुहाओ के विवरो में लापता, लापता कि वहां भी तो तुम्हारा ही सहारा है, जो होता सा लगता है, होता सा सम्भव है, सब तुम्हारे ही कार्यो का परिणाम है,अब तक तो मैं जो भी हूँ मेरे पास जो कुछ है, सब तुम्हारा ही तो है इसलिए कि जो कुछ मेरा है, वह तुम्हें प्यारा है ©Leela Narayan #SunSet #me #alone #स्ट्रगल