#OpenPoetry I know तुम मुझे नफरत करती हो बेशक करती रहना, फिर भी मुझे चाहने की आजमाइशे करती रहना, मुझे चाहना न चाहना अब तुम्हारे हाथ मे है, इसकी नुमाइशें करती रहना। तेरी सारी खुवाईशे में पूरी करूँगा, बस तुम फरमाइशें करती रहना।। ............अबरार सैफी......... शायरी लवर sad shayari... bewafai shayari...