गाँव को उजाड़कर शहर बनाते ये शहर वाले लोग ,, मिट्टी के घरों को संगमरमर तक ले जाते ये शहर वाले लोग .. और परिंदों से कहते है आओ हम तुम्हें खुश रखेंगे नया घोंसला (पिंजरा) देकर .. परिंदों को अपने घर की रौनक बनाते है ये श........ जिंदा है जिनकी रहमत पर , उन्हें मजदूर कहते है किसानों की रोटी छीन कर उन्हें मजबूर करते है और कहते है आओ हम तुम्हें सिखाएंगे व्यापार करना... और उन्हीं को नोच नोचकर व्यापारी बन जाते है ये शहर.....वाले लोग जिक्र करते है ये किसी बड़ी महफ़िल में अपने गाँव का .. सुंदर बाग बगीचों और पीपल की छांव का.. खेत और खलिहान गिरवी रखकर बड़े बाबू तो बन गए ... और माँ बाप को वहीं छोड़ शहर चले जाते है ये शहर...... वाले लोग .... avneesh ©Avneesh # ye sahar wale log