आज की सुबह नई रौशनी लाई है। कुछ सुकून तो कुछ तसल्ली पाई है।। कहा से सफ़र शुरू किया और कहा आ गए, जीवन के हर रोज नई सीख पाई है।। तेरा सहारा है प्रभु उलझनें सुलझा दो। तेरे भक्त पे बड़ी मुसीबत आई है।। जीवन के इस सफर पे अपनों कि पहचान नहीं। तू तो अपना है इस बात से तू अनजान नहीं।। तेरा सहारा है ईश्वर तेरे सामने ये भक्त बड़ी आस लेके आई है।। ©sweta mourya zindagi ek paheli 🌹