Guru Purnima नमन बारम्बार है गुरु को उसने उचित-अनुचित का भेद बताया है, कई मानव से महारथी तो इन्होंने बनाया है, काटो से फूल कैसे पाना, इसका तरीका इन्होंने बताया है, क्या ईश्वर, क्या ऐश्वर्य सभी गुरु हेतु मोह माया है, बने शिष्य महान समाज में, यही इनके हेतु खजाना है. नमन बारम्बार है गुरु को