ज़िन्दगी के उलझनों में, सादगी जाती रही। इस तरह घेरा ग़मो ने, हर खुशी जाती रही।। जब से पिलाई साक़ी ने, जाम नज़रों से मुझे। उस घड़ी से मुसलसल,तिशनगी जाती रही।। (Saani) #sharabishayar