वो एक पल जब मैं चुपचाप तुम्हें देखती हूं.. मेरे बाल सावंरते, मेरा चेहरा पोंछते, मेरे ध्यान रखते हुए.. वैसे तो तुम अपने आप मेरी ज़िन्दगी में शामिल होते गए, तुम्हारा यूँ इस तरह मेरे लिए फ़िक्र करना मुझे अच्छा महसूस कराता है... पर समय गुज़र रहा होता है... मैं चाहती हूं समय धीमा हो जाये तब.. और धीमा... बहुत धीमा.... वो एक पल जब मैं चुपचाप तुम्हें देखती हूं.. मेरे बाल सावंरते, मेरा चेहरा पोंछते, मेरे ध्यान रखते हुए.. वैसे तो तुम अपने आप मेरी ज़िन्दगी में शामिल होते गए, तुम्हारा यूँ इस तरह मेरे लिए फ़िक्र करना मुझे अच्छा महसूस कराता है... पर समय गुज़र रहा होता है... मैं चाहती हूं समय धीमा हो जाये तब..