अपनी बिखरी पड़ी ज़िन्दगी को समेटना चाहती हूँ कोई क्या क़ीमत लगाएगा मेरी मोहब्बत का मैं तो अपना सब लुटा के तेरी मोहब्बत में बंधना चाहती हूँ,, तुमसे ही मेरा वज़ूद है, तुमसे ही मेरा गरूर ये दूरी मिटा दो और पास आ के अपना लो मुझे तेरे साथ -साथ मेरी खुशिया भी दूर हैं तेरा हर दर्द समेट लू अपने आँचल में अपनी हर आरज़ू तेरे नाम करना चाहती हूँ तुम्ही पे शुरू, तुम्ही पे खत्म मेरी ज़िंदगी का हर पल सवेरे जब भी आँखे खुले बस तुम्हे देखना चाहती हूँ you are not an option,, you are my priority,,