ऐ सनम अगर हम ख़ुदा होते, शायद हम फिर कभी न ज़ुदा होते, मैं मनाता तुझे तेरे मत्थे को चूमकर, गर कभी तुम हमसे ख़फ़ा होते।। कोई रास न आया मेरे दिल को, सिर्फ तुम ही मुहब्बत करने की वज़ह होते, मैं जानबूझ कर हज़ारों गलतियां करता, गर तुम उन गलतियों की सज़ा होते, तुझे तक़लीफ़ होती हो हम खुद को भी मार देते, तेरे बहते हुए अश्कों की गर हम वज़ह होते, सुना है दुआ मांगती हो मुझे मौत आये, मैं खुद खुशी से मरता गर मरने की तुम दवा होते|| #akhil_arya #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqaestheticthoughts