सब कुछ साफ साफ है आसमान ,हवा साफ साफ है अब रातो में तारे दिख जाते है तारो से ही खेल खेले जाते है भाग दौड़ की जिंदगी रुक गयी है गंदी हवा के पेड़ों की टहनियाँ सुख गयी है अब सब घर मे साथ दिखने लगे है सुना है बाहर मरने लगे है लगता है सब कुछ साफ साफ है आसमान,हवा साफ साफ है शाम होते है अब छत पे लोग दिख जाते है मरने के डर से लोग घर मे रुक जाते है पंझी खुले आकाश में चिलाने लगे है आकाश को अपना बताने लगे है जो पहले चिड़ियों की आवाज सुनाई नही पड़ती थी जो आसमान में पहले एक भी चिड़िया दिखाई नही पड़ती थी अब पंख फैलाकर उड़ जाती है मधुर आवाज सबको सुना जाती है लगता है सब कुछ साफ साफ है आसमान,हवा साफ साफ है Yawar Amin jigar