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कुछ दिन पहले की बात है मैं समुद्र किनारे घूम रही थ

कुछ दिन पहले की बात है मैं समुद्र किनारे घूम रही थी....
एक केकड़ा रेत के ऊपर धीरे-धीरे चल रहा था, और चलते-चलते पीछे मुड़ मुड़ के भी देख रहा था,
क्योंकि ! उसके पैर बहुत सुंदर थे तो, उसके पैरों से 
****स्टार जैसे निशान बनते जा रहे थे.... और जब भी केकड़ा अपने निशान को देखता तो उसका सर गर्व से ऊंचा हो जाता..वो बहुत खुश होता कि मैं इतना आगे बढ़ गया हूँ,
बस वह यह सोच ही रहा था... की उसी  समय एक लहर आई,
और उस केकड़े के पैरों के निशान को मिटाती हुई चली गई...
यह देखकर केकड़ा बहुत दुखी हुआ,
क्योंकि वह थोड़ी देर पहले बहुत खुश हो रहा था अपने पैरों के निशानों को बनते हुए देखकर,
दुखी मन से उसने लहरों से कहा:-

ए लहर मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था तुमने मेरे इतने सुंदर पैरों के निशानों को मिटा दिया, जिसको देखकर मैं इतना खुश हो रहा था जिस पर तुमने वार कर दिया,

तो लहर बोली......ओ सुन केकड़े..
आज अगर मैं वह निशान नहीं मिटाती तेरे पैरों के तो ,तू एक शिकारी के जाल में फस जाता,
क्योंकि तुझे पता नहीं है तेरे पैरों के निशान के पीछे-पीछे एक शिकारी आ रहा था तुझे पकड़ने के लिए यह मैंने देख लिया और तेरे निशान मिटा दिए.. तो.. तू बच गया,
लहर बोली अब बता मैंने सही किया या गलत..

केकड़ा लहर से चिपक कर रोने लगा कि तुम्हारी वजह से आज मैं बच गया ,
इसलिए ईश्वर जो करता है हमारे लिए अच्छे के लिए करता है, ईश्वर को भला बुरा कहने से बचे,
और इसका यह भी एक सार है कि अपने उपलब्धियां पर इतराए नहीं, सहज रहे क्योंकि कब कोई लहर आ कर मिटा दे और हम जमीन पर आ जाए कुछ पता नहीं है
हर पल उनका धन्यवाद करें🙏 राधे राधे
आपको यह कहानी कैसी लगी पढ़कर जरूर बताएं
आपकी दीप मार्गदर्शिका
#✍🏼deeptigarg ❤

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©Deepti Garg
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