Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्यासा हूं ,अश्क तो पियूंगा नहीं तुम्हारी चाहत में

प्यासा हूं ,अश्क तो पियूंगा नहीं
तुम्हारी चाहत में तो ,जीऊंगा नहीं
दामन फटा है ,तो फटा ही रहने दो
अपने हाथों से तो , सिऊंगा नहीं
प्यासा हूं अश्क तो....

उम्मीद का चराग न बुझता है न जलता है
दो कदम आगे तो दो कदम पीछे चलता है

ये भी कोई जिन्दगी है "सूर्य"
कि शाम होते ढलूंगा नहीं

©R K Mishra " सूर्य "
  #प्यासा