सौंप दी है लाज तुम्हारे हाथ, बचा लो तो तुम्हारी शान,ना बचा पाओ तो तुम्हें धिक्कार। चीर खींच रहा दुशासन,पांचों पति मौन बैठे है कैसा ये पृशासन। हे गिरधारी मुझे तेरा सहारा,मैंने तो तुझको ही पुकारा। जब उंगली कटी तुम्हारी,मैंने अपनी रेशम साड़ी फाड़ी। अब आई तेरी बारी,फर्ज निभाओ गिरधारी। दुशासन चीर खींचने लगा,तो दृोपती दहाड़ के रोई। बढ़ गया चीर,कम न पड़़ पाया। दृोपती ने आँख उठाकर देखा तो ऊपर कान्हा नजर आया। कैसे ना आता सखी बचाने तेरी लाज, सच्चे दिल से जो पुकारा तूने आज।@Sweeti #Cheer haran