जिंदगी की शाम ढल न जाये कहीं , तेरी सादगी भी बदल न जाये कहीं ।। तू कुछ इस तरह आये मेरे घर, कि फिर उम्र भर न जाये कहीं ।। तुझसे मिलता हूँ तो डर लगा रहता है , ये दिन भी गुजर न जाये कहीं ।। ©TubeLight कवि कवि मेरे दिल में ।