"वो बारिश का मौसम वो हम दोनों का संग," कुछ खिला वो, कुछ खिला मेरा रंग, ज़ब से भीगी मै उस सँग, बदले मेरे रंग ढंग, ये यादें ही तो देती है मेरी ओठों को मुस्कान. कुछ खिला वो,