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वो चांद सा मुखड़ा देख के, एक दिन मुझको शर्मा गया.

वो चांद सा मुखड़ा देख के,
 एक दिन मुझको शर्मा गया..
बहक गया यह दीवाना दिल,
  तब से उस पर आ गया..
जिस मोड़पे मिली थी वो,
अब वहींपे रहता उसका इंतजार है..
पागल दिल ये माने ना,
इस कदर मुझको उससे हुआ प्यार है..
थक गई ये अखियां रस्ता निहारते उसका,
 फिर भी उसके बिना जीने की ना कोई चाह है..
उसका दिल ही अब मेरा घर है,
भूलू कैसे उसे जहां वो है वहीं मेरी राह है....
      ,,,Meri Diary Se 📝✍️♥️

©Sunita Chavda #आशिकदिल
वो चांद सा मुखड़ा देख के,
 एक दिन मुझको शर्मा गया..
बहक गया यह दीवाना दिल,
  तब से उस पर आ गया..
जिस मोड़पे मिली थी वो,
अब वहींपे रहता उसका इंतजार है..
पागल दिल ये माने ना,
इस कदर मुझको उससे हुआ प्यार है..
थक गई ये अखियां रस्ता निहारते उसका,
 फिर भी उसके बिना जीने की ना कोई चाह है..
उसका दिल ही अब मेरा घर है,
भूलू कैसे उसे जहां वो है वहीं मेरी राह है....
      ,,,Meri Diary Se 📝✍️♥️

©Sunita Chavda #आशिकदिल