Maa चोट लगी तो आह निकली है मुंह से मेरे मां निकली है। मां ने तो भगवान खिलाए। रामचंद्र नंदलाल खिलाएं।। बांध शिशु को कांधे अपने। रानी ने अंग्रेज़ हराए।। दुख अपने सब से है छुपाए। बच्चे हंसकर गले लगाए।। ©Ravi Sharma चोट लगी तो आह निकली है मुंह से मेरे मां निकली है। मां ने तो भगवान खिलाए। रामचंद्र नंदलाल खिलाएं।। बांध शिशु को कांधे अपने। रानी ने अंग्रेज़ हराए।।