Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं पर अब वक़्त आ गय

एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
तेरे इंतज़ार में सरोवर सा स्थिर था में
पर अब लगता हूं क्यूं ना दरिया सा बह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
एक वक़्त था जब मान लेता था तेरी हार बात
पर अब मै वो नहीं रहा जो तेरे हर सितम सह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
जब तुम तक पहुंचेगा मेरा पैग़ाम तो क्या सोचोगे तुम
फिर सोचा पैगाम भेजकर तेरे मन की भी तो तह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
भ्रम था कि मेरे इश्क़ की इमारत मजबूत है बहुत
पर क्यूं ना गुरूर छोड़कर कहीं चुपके से ढह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
कभी थक जाते थे नैन तेरी एक झलक पाने को
पर अब हालात ये हैं की सोचता हूं तेरे बिन ही रह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं। #अब_और_नहीं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
तेरे इंतज़ार में सरोवर सा स्थिर था में
पर अब लगता हूं क्यूं ना दरिया सा बह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
एक वक़्त था जब मान लेता था तेरी हार बात
पर अब मै वो नहीं रहा जो तेरे हर सितम सह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
जब तुम तक पहुंचेगा मेरा पैग़ाम तो क्या सोचोगे तुम
फिर सोचा पैगाम भेजकर तेरे मन की भी तो तह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
भ्रम था कि मेरे इश्क़ की इमारत मजबूत है बहुत
पर क्यूं ना गुरूर छोड़कर कहीं चुपके से ढह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं
कभी थक जाते थे नैन तेरी एक झलक पाने को
पर अब हालात ये हैं की सोचता हूं तेरे बिन ही रह लूं
एक अरसे से बुत सा खामोश बैठा हूं 
पर अब वक़्त आ गया है कि तुझसे कुछ कह लूं। #अब_और_नहीं