मंच का शौक बहुत पहले, विद्यालय में ही लग गया था, कभी अपनी भावनाएं, तो कभी संसार की वासनाएं, सुनाने की कोशिश किया करता था। सुनने वाले उस समय भी बहुत थे, अभी भी बहुत हैं, समझने वालों को तब भी ढूढ़ता था, अब भी ढूंढ रहा हूँ। ©Ankur Shukla उनके लिए ही ये गुमशुदगी की रिपोर्ट लिख रहा हूँ, कही आस पास मील, तो एक फोन की घंटी बजा देना। . . By Ankur Shukla #Mic #Poetry #hindi_shayari #hindi_poetry #हिंदी #हिंदीशायरी #कविता #शायरी #nojoto2021 Amita Tiwari Anshu writer