याद रखना स्नेह - श्रृंगार से सुशोभित मुराद रखना। निज लक्ष्य याद रखना। मां की ममता, पिता के क्षमता,भाई - बहन की समता, में दायाद रखना निज लक्ष्य याद रखना। बढ़ते इन कदम को, शक्ति और अदम्य को, आबाद रखना। निज लक्ष्य याद रखना। मीठी हो हरदम वाणी, न कुंठित हो कोई प्राणी, सबको आजाद रखना। निज लक्ष्य याद रखना। ज्ञान का बनके सागर, जग को करना उजागर,न कोई फसाद रखना। निज लक्ष्य याद रखना। स्नेह - श्रृंगार से सुशोभित मुराद रखना। निज लक्ष्य याद रखना। ©DIGVIJAY SINGH TYAGI #PoetInYou nij lakshy yad rakhna Sudha Tripathi Shashank Tripathi NIHAR