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देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें दिल साफ है तुम्

देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें
दिल साफ है तुम्हारा किसी आईने की तरह...

तुम्हें श्रंगार  क्या जरूरत है... मेरी जानाँ
तुम तो यूं ही खूबसूरत हो दुल्हन की तरह..

तुम आओ और बस जाओ मेरे नैनों में
मैं तुम्हें आंखों में छुपा लूंगा किसी ख्वाब की तरह...

बस एक बार खोल दो जुल्फें अपनी
मैं भटकना चाहता हूं उनमें दीवानो की तरह....

सुनो तुम बन जाओ मंजिल मेरे सपनों की
मै तुम्हें पा लूंगा मुसाफिर की तरह....
 देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें
दिल साफ है तुम्हारा किसी आईने की तरह...

तुम्हें श्रंगार  क्या जरूरत है... मेरी जानाँ
तुम तो यूं ही खूबसूरत हो दुल्हन की तरह..

तुम आओ और बस जाओ मेरे नैनों में
मैं तुम्हें आंखों में छुपा लूंगा किसी ख्वाब की तरह...
देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें
दिल साफ है तुम्हारा किसी आईने की तरह...

तुम्हें श्रंगार  क्या जरूरत है... मेरी जानाँ
तुम तो यूं ही खूबसूरत हो दुल्हन की तरह..

तुम आओ और बस जाओ मेरे नैनों में
मैं तुम्हें आंखों में छुपा लूंगा किसी ख्वाब की तरह...

बस एक बार खोल दो जुल्फें अपनी
मैं भटकना चाहता हूं उनमें दीवानो की तरह....

सुनो तुम बन जाओ मंजिल मेरे सपनों की
मै तुम्हें पा लूंगा मुसाफिर की तरह....
 देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें
दिल साफ है तुम्हारा किसी आईने की तरह...

तुम्हें श्रंगार  क्या जरूरत है... मेरी जानाँ
तुम तो यूं ही खूबसूरत हो दुल्हन की तरह..

तुम आओ और बस जाओ मेरे नैनों में
मैं तुम्हें आंखों में छुपा लूंगा किसी ख्वाब की तरह...

देखता हूं कभी-कभी अक्स अपना तुममें दिल साफ है तुम्हारा किसी आईने की तरह... तुम्हें श्रंगार क्या जरूरत है... मेरी जानाँ तुम तो यूं ही खूबसूरत हो दुल्हन की तरह.. तुम आओ और बस जाओ मेरे नैनों में मैं तुम्हें आंखों में छुपा लूंगा किसी ख्वाब की तरह... #लाइफ #yqhindi #yqquotes #abhaybhadouriya