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ए जमीर तू आज तो जग देख तेरे सामने लहू गिरा ह। मानव

ए जमीर तू आज तो जग देख तेरे सामने लहू गिरा ह। मानवता तड़प रही ह।
 तू आपे में कुछ कर न सका तो क्या कम से कम करने वाले पे हस तो मत। 
तू आज तो जग धर्म बना मानवता के लिए।
 देख लहू बहा उस धर्म के लिए। 
तू देख किस कदर लड़ रहे लोग धर्म ले लिए नही देख
 रहे मानवता को तो क्या कम से कम तू तो देख।

©Vanshika
  #dekh