बाहरी शत्रुओं से ज्यादा गुप्त शत्रु ज्यादा हानिकारक होते है" क्योंकि बाहरी शत्रु कौन है वो हमारी दृष्टि में रहता है और आंतरिक शत्रु दृष्टि से परे होता है " { आचार्य प्रणव } #MatchStick