तुम उद्दंडी तुम अभिमानी तुम हठी लंका के स्वामी तुम सम्मोही तुम मायावी तुम दशानन अदम्य बलशाली परम शिवभक्त तुम महाज्ञानी.. हरण किया सीता माँ का पर लांघी कभी ना मर्यादा मरणासन्न अवस्था में भी लखन को जीवन सीख दे गए पावन मैया ने पायी अग्निपरीक्षा तुम कहलाकर पापी मोक्ष ले गए.. नाम राम का सत्य हो भले ही लेकिन बात ये स्वीकार्य है जीते जी किरदार मुझे रावण का पसंद है..! ©KaushalAlmora #रावण #किरदार #दशहरा #अभिमानी #पसंद #रामरावण #dussehra #poetry