धुन ज़िन्दगी की अक्सर गुनगुनाता हूं मैं बेचैन दिल को अपने राहत दिलाता हूं मैं, भूल जाता हूं तमाम दुख दर्द अपना जब कभी अधूरी हसरतो की महफ़िल सजाता हूं मैं, खड़ा रहकर साथ ज़िंदगी के जीवन जीने का सही तरीका समझाता हूं मैं, जानें क्यूं हर मर्तबा लड़ते झगड़ते खुदसे कभी कभी हार जाता हूं मैं... ©Nikhil Kaushik धुन ज़िंदगी की, #धुन #dhun #ज़िंदगी #NojotoWritingPrompt #HindiWritings