किनारे दोनो नदी के अक्सर खुश थे उसके बहते हुए पानी दोनो को छू जो रहा था जिस दिन सूख जायेगा ये सैलाब तरस जायेंगे तीनो एक दिन किनारे और ये नदी भी आप क्या है ? ये जरा सोच के तो देखो ..!! आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #sailaab quotes