उजालों की आस में तंग करते रहे सन्नाटें रात भर, जुगनूं भी चुटकियां लेकर लगाते रहे खर्राटें रात भर, चीख गैरों ने मुँह से निकलने न दी, वें अपने थे,जो चुभातें रहे कांटे रात भर ! @Kavi_Sonit_Kumar #Beauty #रात_भर @kavisonitkumar