अब महज़ खामोशियाँ हैं तेरे-मेरे दरम्यां हर्फ़ लौ पे जल उठेगा तेरा-मेरा आशियाँ शुक्र है बरसा है मौसम टूटकर लचारियाँ अबकी जो गरजेगा बादल गिर पड़ेंगी बिजलियाँ चटख जाएगी ज़मीं दरक जाएगा आसमाँ #coinciding