शुष्क हो रहे प्राण फिर सिक्त हो जाते, काश तुम फिर लौट आते | मन उल्लास की फिर खिलती कुमुदिनी, भ्रमर हो मदमस्त गान गाते || ©अम्बिका मिश्रा'प्रखर' #ambikaprakhar #hindigeet