White बेचैनी है, बहुत बेचैनी है। सुलग रही साँस-साँस, छूट रही आस-वास, कुरेदा गया गहरे पर, धूल धूल चेहरे पर, बोझ में दबा हुआ, टूट रहा हूँ झुका हुआ। ये पीड़ा कब तक सहनी है। बेचैनी है, बहुत बेचैनी है। - ©Madhav Awana #Sad_Status #Shayari #MadhavAwana खूबसूरत दो लाइन शायरी