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White बेचैनी है, बहुत बेचैनी है। सुलग रही साँस-साँ

White बेचैनी है,
बहुत बेचैनी है।
सुलग रही साँस-साँस,
छूट रही आस-वास,
कुरेदा गया गहरे पर,
धूल धूल चेहरे पर,
बोझ में दबा हुआ,
टूट रहा हूँ झुका हुआ।
ये पीड़ा कब तक सहनी है।
बेचैनी है,
बहुत बेचैनी है।
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©Madhav Awana #Sad_Status #Shayari #MadhavAwana  खूबसूरत दो लाइन शायरी
White बेचैनी है,
बहुत बेचैनी है।
सुलग रही साँस-साँस,
छूट रही आस-वास,
कुरेदा गया गहरे पर,
धूल धूल चेहरे पर,
बोझ में दबा हुआ,
टूट रहा हूँ झुका हुआ।
ये पीड़ा कब तक सहनी है।
बेचैनी है,
बहुत बेचैनी है।
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©Madhav Awana #Sad_Status #Shayari #MadhavAwana  खूबसूरत दो लाइन शायरी
madhavawana7704

Madhav Awana

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