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कभी उल्फ़त न थी हममें, सरल स्वच्छंद था जीवन। मोहब्

कभी उल्फ़त न थी हममें, सरल स्वच्छंद था जीवन।
मोहब्ब़त इश्क़ की भाषा,समझता था न कोमल मन।
मगर उनकी निगाहें - मुस्कुराहट थीं कयामत की,
ये दिल डूबा उन्हीं में अब उन्हीं के वास्ते है तन।
अरुण शुक्ल "अर्जुन"
प्रयागराज prashant kumar Vijay Kumar Shubham Hathi gumnaam shayar  Tabrej Alam  संदीप सिंह राजावत
कभी उल्फ़त न थी हममें, सरल स्वच्छंद था जीवन।
मोहब्ब़त इश्क़ की भाषा,समझता था न कोमल मन।
मगर उनकी निगाहें - मुस्कुराहट थीं कयामत की,
ये दिल डूबा उन्हीं में अब उन्हीं के वास्ते है तन।
अरुण शुक्ल "अर्जुन"
प्रयागराज prashant kumar Vijay Kumar Shubham Hathi gumnaam shayar  Tabrej Alam  संदीप सिंह राजावत