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"जब कोई अच्छा लगने लगता, 'अपने अंतर्मन से भावनाएं

"जब कोई अच्छा लगने लगता,
 'अपने अंतर्मन से भावनाएं,
'जो कहीं कमी सी थी, 
'वह पूरी होने लगती,
  'विचार मिलने लगते, 
 'हजारों की भीड़ में,
'कुछ लोगों से ही हम,
 'दिल से जुड़ पाते, 
'क्योंकि हमारी सोच,
 'हमारे विचार हमारे,
"मन की भावनाएं कहीं,
'ना कहीं उस से जुड़ी होती,
 'जो हमारा नजरिया होता, 
 "जीवन के लिए,
"शायद उस से मिलता जुलता होता,,
"सत्य की परखता, 
"सादगी की महक,'संस्कारों की 
खुशबू,"शुभ कर्मों की लगन,,
 "हमें अंतर्मन से ही 
जुड़ाव महसूस कराती,,,,,,,
 जब कोई अच्छा लगने लगे तब।#colabreting with#teena singh#Mayank#Mahi#Rakesh Kaushik#Vandana# #YourQuoteAndMine
Collaborating with Manoj upadhyay
"जब कोई अच्छा लगने लगता,
 'अपने अंतर्मन से भावनाएं,
'जो कहीं कमी सी थी, 
'वह पूरी होने लगती,
  'विचार मिलने लगते, 
 'हजारों की भीड़ में,
'कुछ लोगों से ही हम,
 'दिल से जुड़ पाते, 
'क्योंकि हमारी सोच,
 'हमारे विचार हमारे,
"मन की भावनाएं कहीं,
'ना कहीं उस से जुड़ी होती,
 'जो हमारा नजरिया होता, 
 "जीवन के लिए,
"शायद उस से मिलता जुलता होता,,
"सत्य की परखता, 
"सादगी की महक,'संस्कारों की 
खुशबू,"शुभ कर्मों की लगन,,
 "हमें अंतर्मन से ही 
जुड़ाव महसूस कराती,,,,,,,
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Collaborating with Manoj upadhyay
vandana6771

Vandana

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