शायद हैं मोहब्बत तुम्हारी या दिल में जुदाई का गम हैं कुछ यादें हैं तुम्हारी दिल में जिनकी महफ़िल सजी हुई हैं कुछ फुसफुसाहटें हैं यहां पर जो लोग बुना करते है यहाँ लम्हात तन्हाइयों के हम क्यों नहीं तन्हा!? •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़-४ •☆• 《हिंदी चैलेंज ३》 ( प्रतिस्पर्धा ४ का तीसरा चैलेंज ) नियमावली: १. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में लिख सकते हैं।