पल्लव की डायरी इज्जत ना बख्शी जहान ने मन उल्फत में फंसा रखे है खुशियों के अफसाने सूली पर चढ़ा रखे है उदासियाँ बोरियत में जीकर सब रिश्तो के तार काट रखे है उमंगों के सारे दामोदार चाय पर सजा रखे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #InternationalTeaDay उंमग के सारे दामोदार चाय पर सजा रखे है #InternationalTeaDay