तू मुझमें थोड़ा बाकी है मैं तुझ में थोड़ी सी बाकी सब्र थोड़ा ज्यादा है आस मगर जरा-सी तू मेरे लिए काफी है मैं तेरे लिए ना काफ़ी.. तू भटके बन आशिक पर मैं ही हूँ तेरी आशिकी धैर्य का मेरे लेकिन इम्तिहान रोज लेती ये तेरी इश्क नादानी तू इश्क में डूबा आशिक हैं मैं इश्क से उभरी आशिकी writer unknown.... ©paakhi sharma #shayari #ishq#Aashqui #WalkingInWoods